धन्य हैं वह जो भूखे और प्यासे हैं।
धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे। मत्ती 5:6
सेहतमंद व्यक्ति की सबसे बड़े संकेतों में से एक भूख है। जब कोई व्यक्ति ठीक महसूस नहीं कर रहा होता है और वह डॉक्टर के पास जाता है, तो डॉक्टर अक्सर पूछता है, "क्या आप ठीक से खा रहे हैं? जिस तरह शारीरिक भूख हमें अपने शारीरिक स्वास्थ्य को समझने में मदद करती है, उसी तरह आध्यात्मिक भूख हमें अपने आध्यात्मिक स्वास्थ्य को समझने में मदद करती है। आत्मिक भूख यह साबित करती है कि हम आध्यात्मिक रूप से जीवित हैं?
धार्मिकता के लिए भूखे और प्यासे का क्या अर्थ है और तृप्त होने का क्या अर्थ है? इस श्रेष्ठ सुख को कैसे लागू किया जाए?
इस वचन में यीशु मसीह किस प्रकार की भूख और प्यास की बात कर रहे हैं?
शब्द "भूख" और "प्यास" किसी ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल नहीं किए गए हैं जो साधारण रूप से यूहीं भूखा और प्यासा है। यह ऐसे व्यक्ति को दर्शाते हैं जो भोजन और पानी के बिना मर रहा हो।
इस का अर्थ यह नहीं, "मैं थोड़ी सी रोटी के लिए भूखा हूँ" या "मैं कुछ पानी के लिए प्यासा हूँ। यूनानी भाषा में यह कुछ इस तरह से लिखा है, "मैं पूरी रोटी और पानी के लिए भूखा प्यासा हूं। एक सच्चा शिष्य पूर्ण धार्मिकता का भूखा होना चाहिए ना कि आंशिक (अधूरी) धार्मिकता का।
आधी आज्ञा पालन का अर्थ है अन-आज्ञाकारी। उदाहरण के लिए जब कभी हम दुनियावी दोस्तों में हो तो उन्हीं के समान बन गए और जब कलीसिया में हों तो आत्मिक होने का भी दिखावा करें।
सच्चे विश्वासी किस प्रकार की धार्मिकता या भले कार्यों के लिए भूखे-प्यासे रहते हैं?
सच्चे विश्वासी मसीह की धार्मिकता के लिए भूखे-प्यासे होने चाहिए।
रोमियों 3:23 कहता है, इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
रोमियों 6:23 कहता है, क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥
परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया—पवित्र होने के लिए। हालाँकि हम सभी मनुष्य, कामों द्वारा, वचन द्वारा और विचारों द्वारा, परमेश्वर के समान बनने में विफल हैं। क्योंकि परमेश्वर धर्मी और पवित्र है, इसलिए हम उसके क्रोध और मृत्यु के अधीन हैं।
जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है॥ यूहन्ना 3:36
इब्रानियों 12:14 कहता है, "बिना पवित्रता के कोई परमेश्वर को नहीं देख सकता।
सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा। इब्रानियों 12:14
मनुष्य का परमेश्वर के साथ सही संबंध कैसे हो सकता है?
एक व्यक्ति कैसे बच सकता है और अनन्त जीवन प्राप्त कर सकता है और हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ रह सकता?
आज से दो हजार साल पहले, परमेश्वर का पुत्र मसीह एक मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर आया और एक सिद्ध व पवित्र जीवन जीया। जिसे हम कभी नहीं जी सकते थे। उसने हमेशा वही किया जो पिता ने उसे करने के लिए कहा था। उसने हमेशा वही कहा जो पिता ने कहा था।
संसार जो पाप से प्यार करता है और धार्मिकता से नफरत करता है, उसने मसीह को तिरस्कार कर दिया और उसे सूली पर चढ़ा दिया। क्रूस पर मसीह ने न केवल मनुष्य के तिरस्कार को बल्कि परमेश्वर के क्रोध को भी सहा। मसीह ने हमारे पापों के लिए जिस क्रोध के योग्य हम थे। उसे ले लिया ताकि वह उनके पास आने वालों को सिद्ध धार्मिकता का उपहार दे सके।
पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं। अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं। रोमियो 3:21-22
जो पाप से अज्ञात था, उसी को उस ने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में होकर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं॥ 2 कुरिन्थियों 5:21
जो लोग वास्तव में नए सिरे से जन्म लेते हैं, वे अपनी आध्यात्मिक गरीबी को पहचानते हैं। क्योंकि वे पहिले परमेश्वर की महिमा से रहित थे-यहां तक कि उनके धर्मी कार्य भी परमेश्वर के सामने गंदे चिथड़ों के समान हैं।
हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं। हम सब के सब पत्ते की नाईं मुर्झा जाते हैं, और हमारे अधर्म के कामों ने हमें वायु की नाईं उड़ा दिया है।
यशायाह 64:6
उन्होंने अपने पाप के कारण और परमेश्वर के न्याय के अधीन होने के कारण विलाप किया। वे नम्र बन गए जिन्होंने मसीह की प्रभुता के प्रति समर्पण किया और धार्मिकता के भूखे-प्यासे रहने लगे।
इसलिए, परमेश्वर ने उनके खाते में यीशु की सिद्ध धार्मिकता प्रदान करके उन्हें बचाया। वे अब परमेश्वर के पुत्र और पुत्रियां हैं और वह उसके साथ सदा रहेंगे।
क्या आपने परमेश्वर के सामने अपने पापमय जीवन और धार्मिकता के लिए अयोग्यता को पहचाना है? कोई कार्य आपको नहीं बचा सकता ब्लकि मसीह के द्वारा हम उद्धार पाते हैं।
वह हमारे अपराधों के लिये पकड़वाया गया, और हमारे धर्मी ठहरने के लिये जिलाया भी गया॥ रोमियो 4:25
क्या आप ने मसीह की धार्मिकता का अनुभव किया है?
क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा। रोमियो 10:13
हमें अपने पापों से फिरना होगा और मसीह को अपना प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करना होगा और वह हमें बचाएगा।
भूख और प्यास हमारे शारीरिक स्वास्थ्य का सूचक है और यह हमारे आध्यात्मिक स्वास्थ्य के साथ भी ऐसा ही है। परमेश्वर उन लोगों को पसंद करते है जो उसकी धार्मिकता के लिए भूखे-प्यासे हैं। वही लोग तृप्त किए जाएंगे जो परमेश्वर के साथ अधिक गहरा रिश्ता, वचन के गहन ज्ञान, खोए हुए लोगों के उद्धार का वचन सुनते हैं और हर हालत में परमेश्वर की इच्छा पूरी करने की भूख रखते हैं। क्योंकि वे भूखे-प्यासे हैं, परमेश्वर उन्हें भरता और तृप्त करता है। और एक दिन, वही परमेश्वर की उपस्थिति और स्वर्ग में सिद्ध धार्मिकता से संतुष्ट व तृप्त होंगे।
एक चरवाहा जिसने पहाड़ों पर भेड़ों के साथ कई साल बिताए थे। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैंने कभी किसी भेड़ को लेटे हुए खाते देखा है। मैंने जवाब में कहा कि मैंने ऐसा नहीं देखा तो उसने मुझसे कहा कि किसी ने भी उस स्थिति में भेड़ को खाते हुए नहीं देखा है। वास्तव में भेड़ घुटनों पर झुक कर खाती है। यदि भेड़ लेटी हो उसकी नाक के एक इंच के भीतर घास का एक सुंदर गुच्छा हो फिर भी वे उसे नहीं खाएगी। वह अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी और घुटनों पे झुक जाएगी और उस घास को खाएगी जो पहले भले ही उसकी आसान पहुंच में था।
यदि आप परमेश्वर के लिए भूखे और प्यासे हैं तो आप को घुटनों पर आना होगा। भजन संहिता 23 के पहिले 3 वचनों में हम प्रतिज्ञा को पाते हैं।
यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। भजन संहिता 23:1
वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है।भजन संहिता 23:2
वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है। भजन संहिता 23:3
प्रभु अपकी भूख और प्यास को देख कर आपको भरपूर करे और इस वचन से आपको आशीष दे, यीशु के मधुर नाम में आमीन!
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