अवसर को बहुमुल्य समझो
एक बुजुर्ग कारीगर (घर निर्माण करने वाला) किसी शाहूकर के पास नौकरी करता था और वह अब अपने काम से सेवामुक़्त होना चाहता था। उसने अपने बॉस से घर बनाने के काम को छोड़ने की अपनी इच्छा के बारे में बताया। ताकि बाकी के वर्ष अपनी पत्नी के साथ इत्मीनान से गुज़ार सके।
शहर का सबसे बेहतरीन कारीगर रिटायर होना चाहता था। बॉस को सबसे अच्छे कारीगर को छोड़ कर जाने पर दुख था।
बॉस ने वृध कारीगर से निवेदन किया कि क्या वह रिटायरमेंट से पहले एक ओर घर त्यार कर सकता है।
कारीगर सहमत हो गया और अपने जीवन के अंतिम निर्माण पर काम करना शुरू कर दिया। क्योंकि यह उस का आखरी काम था। इसलिए उस ने आधे-अधूरे मन से काम किया और ना ही ओवरटाइम किया।
उस ने इस घर में अच्छे सीमेंट मिक्सचर का इस्तेमाल नहीं किया। और ना ही इस घर में स्विमिंग पूल बनाने पर विचार किया। और ना दरवाजों के लिए अच्छी लकड़ी का उपयोग किया। फर्नीचर भी अच्छी गुणवत्ता का नहीं बनाया। जैसे तैसे जल्दी इस निर्माण को समाप्त कर दिया था।
बॉस ने कारीगर को अपने कार्यालय में बुलाया और इस नवनिर्मित घर की चाबी को देते हुए कहा, यह 15 वर्षों से आपकी सराहनीय सेवा के लिए मेरी ओर से आपके लिए एक छोटा सा उपहार है।
कारीगर उपहार लेते समय अंदर ही अंदर शर्मिंदा था। यदि वह यह जानता कि वह अपना ही घर बना रहा है, तो वह यह सब अच्छे तरीके से दिल जान से बनाता। अपने पूरे जीवन में उसने बेहतरीन घर बनाए थे।
ऐसा ही हमारे साथ भी होता है। हम अपने जीवन का ऐसा ही निर्माण करते हैं। आधे अधूरे मन से काम करते हैं। फिर, एक झटके के साथ हमें एहसास होता है कि हमें उस घर में रहना है जिसे हमने बनाया है।
यदि हमें दूसरा मौका मिल सके, तो हम इसे बहुत अच्छे तरीके से बनाना चाहेंगे। लेकिन आप को दूसरा मौका मिल नही सकता है।
जीते जी पर्मेश्वर को समझ कर उसकी उपासना करें। आधे अधूरे मन से नही बल्कि आत्मा और सत्य से, सच्चे आराधक बने।
इसी जीवन में आने वाले अनंत जीवन का निर्माण करें।क्योंकि मरने के बाद कौन उसकी आराधना कर सकता है। मरने के बाद, कौन अपने पापों से पच्छाताप कर सकता है?
बाईबल में हम एक धनी और निर्धन लाज़र के बारे में पढ़ते हैं। लाज़र तो बाप इब्राहीम की गोद में है। जबकि धनी, जिसने जीते जी परमेश्वर को ना समझा और मरने के बाद अधोलोक की पीड़ा में बाप इब्राहीम से दुहाई दे कर कहता है।
उस ने कहा; तो हे पिता मैं तुझ से बिनती करता हूं, कि तू उसे मेरे पिता के घर भेज। लूका 16:27
क्योंकि मेरे पांच भाई हैं, वह उन के साम्हने इन बातों की गवाही दे, ऐसा न हो कि वे भी इस पीड़ा की जगह में आएं। लूका 16:28
इब्राहीम ने उस से कहा, उन के पास तो मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें हैं, वे उन की सुनें। लूका 16:29
उस ने कहा; नहीं, हे पिता इब्राहीम; पर यदि कोई मरे हुओं में से उन के पास जाए, तो वे मन फिराएंगे। लूका 16:30
उस ने उस से कहा, कि जब वे मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई भी जी उठे तौभी उस की नहीं मानेंगे॥ लूका 16:31
परमेश्वर चाहते हैं कि हम अनंत जीवन की खोज करें।
जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। यूहन्ना 9:4
हम नहीं जानते कि हमारी आयु के कितने दिन बाकी हैं। इसलिए अपने आज के जीवन में अपने पापों से पश्चाताप कर मसीह यीशु को अपना मुक्तिदाता स्वीकार करें।
मेरे प्रियो, अवसर को बहुमुल्य समझो। कहीं हमें भी उस घड़ी न पच्छ्ताना पड़े। इस लिए यदि आज आप उसकी आवाज़ सुनो तो अपने हृदय को कठोर न बनाओ।
प्रभू यीशू मसीह को अपना व्यक्तिगत मुक्तिदाता मान कर, अनंत जीवन के अधिकारी बने।
आज आप उस घर को बना रहे हैं, जिस में कल आप को रहना है। इसलिए, बुद्धिमानी से निर्माण करें!
यदि आप अनंत जीवन के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो कृपया हमें सम्पर्क करें। या अपने आस पास किसी भी बाईबल आधारित मंडली में जाएं।
प्रभू आपको उस में बने रहने के लिए सामर्थ दें। यीशू मसीह के मधुर नाम से आमीन!
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