सत्य का इन्कार

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सन 70 ईस्वी (70 AD) इस्राएल के लिए खौफ़नाक और भयंकर वर्ष था। उस वर्ष इस्राएल रोमी शासन के अधीन था। गलील के यहूदा की अगवाई में 18000 यहूदियों ने रोमी हकुमत का विरोध किया था। उस समय रोमी सम्राट वेस्पासियन्स ने अपने पुत्र टायटस को निर्देश दिया कि इस्राएलियों के विरोध को दबा दे।





लगभग 54,000 रोमी सैनिकों ने फसह के त्योहार के दिन लगभग 30 लाख यहूदियों को बन्दी बना लिया गया। और इसी दौरान इस्राएल में चार महीने तक अकाल व महामारी फैल चुकी थी। इस की वजय से हज़ारों यहूदी मर गए और उन्हें नगर से बाहर दफनाया जाने लगा। जब मरने वालों की गिनती बड़ गई तो उन्हें नगर की दिवार से बाहर फेंका जाने लगा। इस तरह लगभग 6 लाख यहूदियों को दिवार से बाहर फेंका गया था। कोई बच कर न भाग सके इस के लिए, यहूदियों के खून के प्यासे रोमी सैनिकों ने उन्हें घेर रखा था। अकाल की वजय से यहूदी बेहद कमज़ोर हो चुके थे।

इतिहासकार जोसफ़स लिखते हैं कि अकाल इतना भयंकर था कि लोग अपने बच्चों को मार कर खाने लगे थे। इस बात की भविष्यवाणी पुराने नियम में की गई थी।

तब घिर जाने और उस सकेती के समय जिस में तेरे शत्रु तुझ को डालेंगे, तू अपने निज जन्माए बेटे-बेटियों का मांस जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को देगा खाएगा। व्यवस्थाविवरण 28:53

यरुशलेम की माताओं की अपने बच्चों के लिए रोने और चीखने की आवाज़ें रात दिन आती थी। यीशू ने यह बात पहले से यरुशलेम की इस्त्रियों से कही थी। जब वह रोती हुई उसके साथ कलवरी तक आई थी। जब यीशू को सलीब पर चड़ाने के लिए ले जाया जा रहा था।

यीशु ने उन की ओर फिरकर कहा; हे यरूशलेम की पुत्रियों, मेरे लिये मत रोओ; परन्तु अपने और अपने बालकों के लिये रोओ। लूका 23:28

क्योंकि देखो, वे दिन आते हैं, जिन में कहेंगे, धन्य हैं वे जो बांझ हैं, और वे गर्भ जो न जने और वे स्तन जिन्हों ने दूध न पिलाया। लूका 23:29

जो यहूदी भाग कर बचना चाहते थे। रोमी उन्हें पकड़ लेते और चीर फाड़ कर देते थे। एक दिन में लगभग 2000 यहूदियों को पकड़ कर काट दिया जाता था।

टायटस एक दिन दिवार से फेंकी गई लाशों को देखने गया। जो किद्रोन की घाटी में सड़ रही थी तो कठोर दिल रोमी सेनानायक के दिल से पीड़ा की आहें निकलने लगी।

बिना कोई विचार किए पुरष, इस्त्रियों और बच्चों की निर्मम हत्यायें की गई थी। बच्चों को पैरों से पकड़ कर दिवार से पटक कर मारा जाता था। जब तक वह मर नही जाते थे। यह बिल्कुल वैसा ही दृश्य था, जैसे यीशू ने बताया था।

और तुझे और तेरे बालकों को जो तुझ में हैं, मिट्टी में मिलाएंगे, और तुझ में पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे; क्योंकि तू ने वह अवसर जब तुझ पर कृपा दृष्टि की गई न पहिचाना॥ लूका 19:44

नगर में ऐसी कोई दिवार नही दिखती थी यहां यहूदियों के खून के धब्बे ना हों। उस वक़्त तक, यहूदियों का खून छोटी-छोटी नालियों में बहता था।

इस खून रेज़ी को देख कर टायटस ने अपने हाथ हवा में हिलाते हुए कहा, “इन का लहू हमारे ऊपर न आए”।

यीशू को क्रूस पर चड़ाने के वक़्त, लोगों ने हुल्लड़ किया कि यीशू को क्रूस दो। इस का लहू हम पर और हमारे बच्चों पर हो। उन्होनें अपनी ज़ुबान से यह श्राप अपने ऊपर और अपने बच्चों पर लाया था। जैसे बोला था वैसा ही हो गया था।

जब पीलातुस ने देखा, कि कुछ बन नहीं पड़ता परन्तु इस के विपरीत हुल्लड़ होता जाता है, तो उस ने पानी लेकर भीड़ के साम्हने अपने हाथ धोए, और कहा; मैं इस धर्मी के लोहू से निर्दोष हूं; तुम ही जानो। मत्ती 27:24

सब लोगों ने उत्तर दिया, कि इस का लोहू हम पर और हमारी सन्तान पर हो। मत्ती 27:25

यानि सख्त दिली की वजय से। आज भी बहुत से लोग पर्मेश्वर की मुक्ति योजना को ना कहते हैं। पर्मेश्वर के पुत्र का इन्कार करते हैं।

मेरे पिता जी कहते हैं, कुछ साल पहले जब वह एक सथानीय गांव में सुसमचार लेकर गए। वहां उन्होनें एक वृद्ध महिला को पश्चाताप करने को कहा, कि माता जी आप इतनी आयु बिना यीशु के जी चुकी हैं अब जिंदगी के आखिरी दिनों में उसे ग्रहण कर के अपने जीवन को बचा लें।

जवाब में वृद्ध महिला ने कहा, “कोई बात नही पास्टर जी, मैं दो चार मूंगले (डंडे) ज्यादा खालूंगी”।

वास्तव में वह तौबा से इन्कार कर रही थी। वह वृद्ध महिला सख्त दिली का शिकार थी। पर आप और मैं आने वाली पीड़ा का अनुमान भी नही लगा सकते। नर्क की सज़ा भयंकर और असहनीये है।

बाईबल की 95 प्रतिशत भविष्यवाणीयां पूरी हो चुकी हैं। और 5 प्रतिशत बाकी की भी अपने सही वक़्त पर पूरी हो रही हैं।

क्या आज हम भी सख्त दिली का शिकार हैं। परमेश्वर चाहते हैं। हम उसके न्याय के दिन से पहले प्रभू यीशू को अपना मुक्तिदाता ग्रहण करें और अनंत जीवन को सुनिश्चित कर लें।

जैसा लिखा है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय किया था। इब्रानियों 3:15

यदि आप यीशू के बारे में या अनंत जीवन के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो कृपया हमें सम्पर्क करें या अपने आस पास किसी भी बाईबल आधारित कलिसिया (चर्च) में जाएं। वक़्त कीमती है!

और यदि आप एक विश्वासी हैं तो उसके महान आदेश की पालना करें¡। शायद आप डोर टू डोर सुसमचार नही बांटते होंगे पर आप इन आर्टिकलस को दूसरों को बांट कर, स्वर्गीय पिता पर्मेश्वर से अशीष पा सकते हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कृपया प्रभू के वचन को दूसरों के साथ बांटे। इस वेबसाइट को अपने मित्रों को फॉरवर्ड करें। पर्मेश्वर आपको और आपके घराने को अशीष दें। प्रभू यीशू के मीठे नाम में आमीन!

इस आर्टिकल में कुछ तथ्य डाक्टर विम्पी लेबन्बर्ग की पुस्तक "प्रकाशितवाक्य, के एक एक पद की व्याख्या" से लिए गए हैं।

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